muskan1
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शेयर बायबैक, जिसे स्टॉक पुनर्खरीद भी कहा जाता है, तब होता है जब कोई कंपनी अपने ही शेयरों को बाजार से वापस खरीदती है। इसका सीधा असर शेयर की कीमत और प्रति शेयर आय (EPS) पर पड़ता है।
जब कोई कंपनी अपने कुछ शेयर वापस खरीद लेती है, तो बाजार में बचे शेयरों की संख्या कम हो जाती है। अब वही मुनाफा कम शेयरों में बाँटा जाता है, जिससे EPS बढ़ता है और निवेशकों का भरोसा भी। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कंपनी के 10 करोड़ शेयर थे और 2 करोड़ शेयर बायबैक कर लिए गए, तो EPS सीधे बढ़ जाएगा और शेयर की कीमत में भी उछाल आ सकता है।

जब कोई कंपनी अपने कुछ शेयर वापस खरीद लेती है, तो बाजार में बचे शेयरों की संख्या कम हो जाती है। अब वही मुनाफा कम शेयरों में बाँटा जाता है, जिससे EPS बढ़ता है और निवेशकों का भरोसा भी। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कंपनी के 10 करोड़ शेयर थे और 2 करोड़ शेयर बायबैक कर लिए गए, तो EPS सीधे बढ़ जाएगा और शेयर की कीमत में भी उछाल आ सकता है।

बायबैक के फायदे:
- EPS और शेयर की कीमत में बढ़त।
- निवेशकों को अतिरिक्त नकदी।
- कंपनी पर निवेशकों का भरोसा बढ़ता है।
- पूंजी संरचना में सुधार।
ध्यान देने योग्य बातें:
- बायबैक से कंपनी की नकदी कम हो सकती है।
- शेयर की कीमत में स्थायी बढ़ोतरी की गारंटी नहीं होती।
- कभी-कभी ये सिर्फ अल्पकालिक रणनीति होती है।
क्यों करती हैं कंपनियाँ बायबैक?
- शेयर की कीमत कम आँकी गई हो।
- अधिशेष नकदी का उपयोग करना हो।
- निवेशकों को सकारात्मक संकेत देना हो।
- EPS बढ़ाकर स्टॉक को आकर्षक बनाना हो।