muskan1
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शेयर बाजार में गिरावट कोई नई बात नहीं है, लेकिन 2024 में आई मंदी ने निवेशकों को डरा दिया है। सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट देखी गई, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। ऐसे में सवाल उठता है—क्या 2008 जैसा वित्तीय संकट लौट आया है?

लंबी अवधि की सोच रखें – घबराकर शेयर न बेचें।
विविधता बनाए रखें – पोर्टफोलियो में विविधता लाकर जोखिम कम करें।
मौके का फायदा उठाएं – गिरावट में अच्छे स्टॉक्स खरीदें।
इमरजेंसी फंड बनाए रखें – नकदी का प्रबंध करें ताकि जरूरत के समय बेचने की नौबत न आए।

शेयर बाजार में गिरावट के प्रमुख कारण
- घबराहट में बिकवाली – जब निवेशक डर के कारण बड़ी मात्रा में शेयर बेचते हैं, तो शेयर बाजार में गिरावट और तेज हो जाती है।
- वैश्विक आर्थिक संकट – अमेरिका, चीन और यूरोप में मंदी की आशंका भारतीय बाजार को प्रभावित कर रही है।
- भू-राजनीतिक अस्थिरता – रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व में तनाव जैसी घटनाएं बाजार में नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।
- ब्याज दरों में बढ़ोतरी – भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और फेडरल रिजर्व की नीतियां निवेशकों की धारणा को प्रभावित करती हैं।
- मंदी और आर्थिक सुस्ती – GDP ग्रोथ में कमी, बढ़ती बेरोजगारी और कॉरपोरेट मुनाफे में गिरावट निवेशकों को सतर्क कर देती है।
2008 बनाम 2024 बाजार दुर्घटना
2008 में वैश्विक वित्तीय संकट के कारण बाजार 50% से अधिक गिरा था। जबकि 2024 में गिरावट 12-15% के करीब रही। हालांकि 2024 की गिरावट गंभीर है, लेकिन 2008 जैसी मंदी की संभावना फिलहाल कम दिख रही है।निवेशकों को क्या करना चाहिए?



