muskan1
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भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) में पिछले 13 सत्रों से मंदी जारी है, जिससे Nifty 50 और Sensex में भारी गिरावट दर्ज की गई है। Nifty 50 इंडेक्स 22,750 – 22,800 के प्रमुख समर्थन स्तर से ऊपर बना हुआ है, लेकिन बिकवाली का दबाव लगातार बना हुआ है।

Nifty 50: 26 सितंबर 2024 के उच्चतम स्तर 26,277 से गिरकर 22,795 पर पहुंचा (लगभग 3,482 अंकों की गिरावट)।
Sensex: 85,978 के उच्चतम स्तर से 75,311 तक गिरा (लगभग 10,677 अंकों की गिरावट)।
Nifty Midcap 100: 1.32% गिरावट और 2% से अधिक की इंट्राडे गिरावट।
Nifty Small-cap: 0.7% की गिरावट और 2% से अधिक की इंट्राडे गिरावट।
Advance-Decline Ratio (BSE): 0.75, जिससे अधिकतर स्टॉक्स में गिरावट दर्ज की गई।
Nifty 50 का 22,750 – 22,800 का समर्थन स्तर मजबूत बना हुआ है।
मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में गिरावट, लेकिन लंबी अवधि के निवेशकों के लिए अवसर।
US Market का प्रभाव भारतीय बाजारों पर बना रहेगा, इसलिए निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए।

शेयर बाजार में गिरावट के प्रमुख आंकड़े:





Indian Stock Market में गिरावट के 5 प्रमुख कारण
1. घटते मूल्यांकन और आर्थिक विकास में सुस्ती
विशेषज्ञों के अनुसार, Indian Stock Market में वैल्यूएशन में गिरावट देखी जा रही है और विकास दर भी धीमी हो गई है। इससे निवेशकों की धारणा नकारात्मक बनी हुई है।2. बढ़ती मुद्रास्फीति (Inflation Concerns)
अमेरिका में मुद्रास्फीति (Inflation) से जुड़ी चिंताएं बढ़ रही हैं, जिससे वहां की ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना बनी हुई है। ऊंची ब्याज दरें भारतीय बाजारों पर भी दबाव डाल सकती हैं।3. London Cash Gold Contract Default का प्रभाव
JP Morgan और HSBC के स्वर्ण भंडार में हाल ही में उथल-पुथल देखी गई है। Bank of England की तिजोरी में रखे गए स्वर्ण भंडार का कुछ हिस्सा बाजार से बाहर आया, जिससे वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बढ़ी।4. आक्रामक अमेरिकी फेड (US Fed Policy)
US Federal Reserve ने ब्याज दरों में कटौती टालने के संकेत दिए हैं। इससे US Dollar मजबूत हुआ, जिससे भारतीय बाजार से विदेशी निवेशकों (FIIs) की बिकवाली बढ़ गई।5. "भारत बेचो, चीन खरीदो" रणनीति
विदेशी निवेशक भारत से पूंजी निकालकर चीन जैसे अन्य बाजारों में निवेश कर रहे हैं। इससे भारतीय बाजारों में बिकवाली का दबाव बढ़ गया है।क्या निवेशकों को चिंता करनी चाहिए?


